संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को दुनिया में अपना योगदान देने के लिए एक महाशक्ति बनने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत आज़ादी के 75 वर्षों में वह वांछित दर्जा हासिल नहीं कर सका जो उसे मिलना चाहिए था. आरएसएस का उद्देश्य देश को विश्वगुरु बनाना है. भारत को दुनिया में योगदान देना है और अब वो समय आ गया है.