जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपने बचपन, शिक्षा और राम मंदिर आंदोलन में अपनी भूमिका के बारे में बताया उन्होंने कहा कि आरक्षण केवल आर्थिक आधार पर होना चाहिए और जाति आधारित आरक्षण राष्ट्र के लिए हानिकारक है रामभद्राचार्य ने शास्त्रों का ज्ञान न रखने वालों को ही असली दृष्टिहीन बताया और आधुनिक कथावाचन की आलोचना की