दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक रविवार को 370 के बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया, जिससे बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य आपातकाल बताया, तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की मांग की, बच्चों की सेहत पर चिंता जताई. आर्थिक असमानता और सरकारी आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए, गरीब वर्ग प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हैं.