सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ राष्ट्रपति, राज्यपाल को विधेयकों पर निर्णय की समयसीमा पर सुनवाई कर रही. केंद्र सरकार ने समयसीमा निर्धारित करने का विरोध करते हुए संविधान में शक्तियों के बंटवारे का हवाला दिया है. तमिलनाडु के मामले में राज्यपाल को विधेयकों पर तीन महीने के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था.