द्विभाषी रचनाएं 11 खंडों में लगभग 4,000 पृष्ठों में हैं वो आधुनिक सोच और सनातन संस्कारों का संगम थे लोगों के बीच राष्ट्रीय चेतना जगाने के लिए अथक मेहनत की थी