बचाव पक्ष ने कहा, एक मुख्य गवाह और पारिस्थिजन्य सबूतों पर मौत की सजा नहीं सजा-ए-मौत सिर्फ अपराधी को खत्म करती है, अपराध को नहीं कोर्ट ने कहा कि इन दलीलों को पहले ही कोर्ट ठुकरा चुका है