एक साल तक मेहनत करके सफल हुए वैज्ञानिक अन्य पटाखों की तुलना में 30 फीसदी तक कम प्रदूषण होगा कीमत प्रचलित पटाखों के मुकाबले 15 से 30 प्रतिशत कम होगी