कभी वोट डालने भर को लोकतंत्र का हिस्सा मानी जाने वाली महिलाएं अब चुनावी जीत की धुरी बन चुकी हैं. चुनाव लड़ने, संसद पहुंचने से लेकर मतदान करने तक में महिलाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. पिछले 11 वर्षों में भारत में महिलाओं के सियासी सशक्तिकरण में परिवर्तनकारी बदलाव आया है.