मुंबई हमले के बाद कसाब को जिंदा पकड़ने से पाकिस्तान की साजिश चंद घंटों में बेनकाब हो गई थी सरकारी अभियोजक उज्जवल निकम ने कसाब से रोजाना पूछताछ के दौरान उसके इंसानी पहलुओं का अनुभव किया था कसाब ने जेल में मराठी भाषा के कुछ शब्द सीखे और उज्जवल निकम को अपना वकील बनाने की मांग की थी