RSS ने स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने पर तीन दिवसीय कार्यक्रम में हिंदुत्व की समावेशिता पर जोर दिया मोहन भागवत ने हिंदू समाज को एक संप्रदाय नहीं बल्कि समस्त धर्मों का सम्मान करने वाली संस्कृति बताया भागवत ने हिंदू शब्द का अर्थ विविधता में एकता स्वीकारने वाला समावेशी भाव बताया और मातृभूमि के प्रति भक्ति जताई