मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 वर्षों बाद एनआईए की विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. विशेष न्यायाधीश ने जांच में खामियों को उजागर करते हुए आरोपियों को संदेह का लाभ देने का निर्णय लिया. विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी. कोर्ट ने धर्म या आतंकवाद से जुड़ा कोई दोष प्रमाणित नहीं पाया.