यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 27 जून 2025 को की गई. जांच गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज FIRs के आधार पर शुरू हुई थी. कंपनी पर फर्जी दस्तावेजों से आवासीय परियोजनाओं के लिए लाइसेंस प्राप्त करने का आरोप है. खरीदारों से 616 करोड़ रुपये वसूलने के बावजूद कंपनी ने समय पर घर नहीं दिए.