जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके समर्थक 13 जुलाई, 1931 को मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि देने नक्शबंद साहिब कब्रिस्तान पहुंचे. पुलिस ने उमर अब्दुल्ला को कब्रिस्तान के गेट पर रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किया और फातिहा पढ़ा. उमर अब्दुल्ला ने कब्रिस्तान का गेट फांदकर अंदर प्रवेश किया तो फारूक अब्दुल्ला खानयार चौक से शहीद स्मारक तक एक ऑटो रिक्शा में पहुंचे.