धनखड़ ने मीटिंग में एक वरिष्ठ मंत्री से कहा कि सरकार से पूछ कर यह बताएं कि पीएम ऑपरेशन सिंदूर पर कब बोलेंगे. इसके बाद वे लंच के लिए घर चले गए और तब एक वरिष्ठ मंत्री के दो बार फोन करने के बावजूद वे लाइन पर नहीं आए. फिर सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि धनखड़ को हटाने के प्रस्ताव को अगले दिन के लिए न टाला जाए.