जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली से लौटने के बाद अपने घर में नजरबंदी की स्थिति की जानकारी दी और इसे अनिर्वाचित लोगों का अत्याचार बताया उमर अब्दुल्ला ने अपने घर के बाहर पुलिस बल और बख्तरबंद गाड़ी की तस्वीरें साझा करते हुए प्रशासन की कार्रवाई की आलोचना की 13 जुलाई 1931 को श्रीनगर जेल के बाहर प्रदर्शनकारियों पर महाराजा की सेना ने गोलीबारी की थी, जिसमें 22 लोग मारे गए थे