पीठ ने कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का इंट्रीगल पार्ट नहीं है 1994 में पांच जजों की पीठ ने यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया था 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित जमीन पर दिया था फैसला