भारतीय सेना की पैदल सेना तकनीक और स्वदेशी उपकरणों के साथ नए युद्ध युग के लिए खुद को तैयार कर रही है. इन्फेंट्री में ‘अश्नी ड्रोन प्लाटून और ‘भैरव बटालियनों के गठन से युद्ध संचालन में तेज़ी और सटीकता आई है. हथियारों के आधुनिकीकरण में .338 कैलिबर स्नाइपर राइफल और नई पीढ़ी के रॉकेट लॉन्चर शामिल किए जा रहे हैं.