भारत और रूस के बीच सुखोई-57 लड़ाकू विमान के सौदे पर अगले महीने पुतिन के भारत दौरे में निर्णय हो सकता है. एचएएल के पास इस विमान के स्वदेशी निर्माण के लिए लगभग पचास प्रतिशत आवश्यक बुनियादी ढांचा और क्षमता उपलब्ध है. रूस सुखोई-57 की तकनीक और सोर्स कोड भारत के साथ साझा करने को तैयार है, जिससे भारत विमान में बदलाव कर सकेगा.