साहित्य की सफलता के लिए बिकना और टिकना दोनों आवश्यक हैं. अदिति माहेश्वरी ने बताया कि साहित्य का मूल्य भविष्य की पीढ़ियों द्वारा तय होता है. गुनाहों का देवता को भारती जी की कमजोर कृति माना गया था, अब इसे सराहा जाता है. राम मिश्रा ने डमरू ऐप के माध्यम से गानों की व्यापक पहुंच पर जोर दिया.