प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पेशेवर जीवन में सफलता का स्तर संकल्प, कड़ी मेहनत, समर्पण से निर्धारित होता है. उन्होंने अपने अनुभव साझा किए कि वे कक्षाएं छोड़ते थे और मित्र उनकी हाजिरी लगाते थे, फिर भी वे सफल हुए. CJI बी आर गवई ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं थर्ड आकर भी चीफ जस्टिस बना गया.