जुलाई 2017 में मेरु पर्वत के हिस्से से भारी भूस्खलन हुआ था, जिससे मलबा गंगा नदी में जमा हो रहा है. मलबा धीरे-धीरे गंगोत्री धाम और निचले इलाकों में पहुंच रहा है. मानसून में भारी बारिश से बाढ़ का खतरा बन सकता है विशेषज्ञों ने आपदा प्रबंधन के लिए हिमालय में अध्ययन केंद्र और अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की बात कही है.