दस मजदूरों के परिवार रहते थे 6 मंजिला निर्माणाधीन इमारत में शिखा डेका मजदूरों के बच्चों को पढ़ाती थीं भवनों के निर्माण में इस्तेमाल किया गया सामान गुणवत्ताहीन था