सरकार ने कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के लिए एफजीडी मानकों में ढील दी है. अब सिर्फ बड़े शहरों के 10 किमी दायरे में संयंत्रों में इसे लगाना जरूरी होगी. पूर्व ऊर्जा सचिव अनिल राजदान ने कहा कि इस बदलाव से बिजली उत्पादकों की लागत घटेगी और वे प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि देश के कोयले में सल्फर की मात्रा बहुत कम है, इसलिए सभी संयंत्रों में एफजीडी सिस्टम की अनिवार्यता में ढील देने का फैसला सही है.