गौरी की इच्छानुसार उनकी आंखें दान कर दी गईं समसा बायालु रंगमंदिरा में रखा जाएगा पार्थिव शरीर कन्नड़ टेबलॉयड 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं गौरी