मुस्लिम उलेमा का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि मध्यस्थता फिर से शुरू की जाए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मंदिर को जमीन देकर उसके बदले जमीन नहीं चाहता था फैसला किसी के पक्ष में आए, सांप्रदायिक हिंसा होगी और एकॉनोमी पीछे जाएगी