MP में पिछले तीन वर्षों में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के साथ हजारों यौन और हिंसात्मक अपराध दर्ज हुए राज्य में औसतन हर दिन सात दलित या आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं जो अत्यंत गंभीर समस्या है. घरेलू हिंसा में भी दलित और आदिवासी महिलाओं को प्रताड़ित किया गया, जिससे हर दिन दो महिलाएं प्रभावित हुईं.