इटावा में कथावाचक की चोटी काटने से जातिवाद पर बहस शुरू हुई है. क्या कथा वाचन का अधिकार सिर्फ ब्राह्मणों का है, यह सवाल उठ रहा है. कुछ लोग मानते हैं कि ज्ञान रखने वाले किसी भी जाति के लोग कथा वाचन कर सकते हैं. अन्य लोग इसे जाति विशेष का अधिकार मानते हैं, इसे लेकर मतभेद हैं.