प्रवर्तन निदेशालय ने 260 करोड़ रुपये के ग्लोबल साइबर फ्रॉड मामले में 12 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की आरोपी विदेशी और भारतीय नागरिकों को पुलिस या जांच अधिकारी बनकर धोखा देते थे पीड़ितों से ठगे गए पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर आरोपियों तक पहुंचाया गया और बिटकॉइन में संग्रहित किया गया