मुंबई में 80-90 के दशक में अंडरवर्ल्ड का दौर था और पुलिस ने एनकाउंटर को अंडरवर्ल्ड खत्म करने का तरीका माना था. प्रदीप शर्मा ने दाऊद के सबसे खतरनाक शूटर सादिक कालिया का सामना किया था, जो कई गैंगवार मर्डर्स में वांटेड था. कालिया को मोहन रावले पर हमला करने की सुपारी मिली थी. फायरिंग में घायल होकर अस्पताल में उसकी मौत हुई थी.