हर्षवर्धन जैन की लंदन में चंद्रास्वामी के जरिए एहसान अली सैयद से मुलाकात हुई, जो अंतरराष्ट्रीय ठग है. जैन और एहसान ने विदेशों में कई फर्जी कंपनियां बनाई, जिनमें लंदन, दुबई, मॉरीशस और कैमरून शामिल हैं. एहसान अली ने 2008 से 2011 के बीच फर्जी लोन के जरिए 70 मिलियन यूरो की ठगी की, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.