कहा- दुर्भाग्य से कुछ संस्थान बेहद वाणिज्यिक मानसिकता वाले बन गए विश्वविद्यालयों को किसी उत्पादन इकाई की तरह काम नहीं करना चाहिए डिग्रियां अपने आप में अंत नहीं हैं, बल्कि अंत के लिए एक साधन हैं