धुनकवाड गांव के बच्चे जान को जोखिम में डालकर खतरनाक रास्ते से होकर स्कूल जाते हैं. बच्चे घने जंगलों से होकर गुजरते हैं, जहां बारिश के कारण रास्ते में घुटनों तक पानी भरा हुआ है बच्चों के लिए पक्की सड़क उपलब्ध है लेकिन वे मछुआरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शॉर्टकट रास्ते से ही स्कूल जाते हैं.