ईडी की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 2019 से 2023 के बीच शराब व्यापार एक सरकारी लूट मशीन के रूप में संचालित हुआ था. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब सिंडिकेट के काले धन के रियल एस्टेट में निवेश के आरोप में गिरफ्तार किया गया. शराब सिंडिकेट राज्य के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड के संरक्षण में संचालित था और वह खुद इसका लाभार्थी था.