जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण रैकेट की जांच में पता चला कि उसके गुर्गों ने दुबई जाकर इस्लाम स्वीकार किया था. नीतू, नवीन और उनकी बेटी ने दुबई में नाम बदलकर नसरीन, जमालुद्दीन और सबीहा रखे और यूएई से शाहदा सर्टिफिकेट प्राप्त किया. सर्टिफिकेट ऑफ इंबेरिस इस्लाम इस्लाम धर्म में धर्मांतरण का आधिकारिक दस्तावेज है, जिसे मस्जिद में मौलवी और गवाहों के सामने पढ़ा जाता है.