बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं ने जाति के बजाय काम और मुद्दों को प्राथमिकता दी है 2020 के मुकाबले जाति आधारित राजनीति का प्रभाव 90 प्रतिशत से घटकर 60 प्रतिशत रह गया है यादवों की संख्या विधानसभा में घटकर 45 से 20 हो गई, जो आरजेडी के लिए चिंता का विषय है