हिमाचल प्रदेश के निरमंड में बूढ़ी दिवाली पर्व इंद्र और वृत्तासुर के युद्ध के प्रदर्शन के साथ शुरूहो गया है. इस पर्व का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है और इसे मार्गशीष अमावस्या को मनाया जाता है. बूढ़ी दिवाली को 12 गांवों के लोग पारंपरिक गीतों, नृत्यों और लोकवाद्य यंत्रों के साथ उत्सव मनाते हैं.