बसपा प्रमुख ने इसे राजनीतिक शैली का चुनावी भाषण बताया लम्बे-चौड़े भाषण से देश को ना तो नई ऊर्जा मिली और ना ही कोई उम्मीद भाषण को राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता तो बेहतर होता