कहा, दोनों पक्षों ने सहमति के आधार पर केस खारिज कराने का फैसला किया आरोपी की पीड़िता से मित्रता थी, माता-पिता को सूचित किए बिना दोनों साथ रहत दर्ज मामले को रद्द कराने के लिए आरोपी ने ली थी कोर्ट की शरण