बिहार के पहले चरण में 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से एनडीए को फायदा मिला. महिलाओं को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से भरोसा मिला, जिससे उनका एनडीए के प्रति समर्थन मजबूत हुआ. महागठबंधन के पास विश्वसनीयता और प्रभावी योजनाओं का अभाव है, इसलिए उसे व्यापक समर्थन नहीं मिल पाया.