इलाहाबाद हाईकोर्ट का 2010 का फैसला ‘कानूनी रूप से टिकाऊ’ नहीं था इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन को तीन हिस्सों में बांटा था कहा कि जमीन के बंटवारे से किसी का हित नहीं सधेगा