निर्मोही अखाड़े की दिलचस्पी मंदिर बनाने में, जन्मस्थान पर सेवा में नहीं दिसंबर 1949 के बाद से विवादित स्थल पर नमाज नहीं होने की बात आधारहीन कहा- बाहरी हिस्सा VHP द्वारा ज़बर्दस्ती कब्ज़े में लिया गया था