कतर की ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस’ ने 26 अक्टूबर को सजा सुनाई थी कुछ दिनों बाद मौत की सजा के खिलाफ एक अपील दायर की गई पूरी प्रक्रिया में फैसले को कतर पक्ष द्वारा गोपनीय रखा गया