लोकपाल नियुक्त करने की अपनी मांग को लेकर अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू अंग्रेज चले गए पर लोकतंत्र नहीं मिला है और गोरे गए काले आ गए: अन्ना हमारे आंदोलनकारियों की बस रोक रहे हैं क्या यही लोकतंत्र है?