भाजपा दक्षिण में अपना विकल्प खुला रखने के पक्ष में है ताकि 2019 में सत्ता में लौटने के जरूरी आंकड़े जुटाये जा सकें मजबूत क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन पर जोर