पहले अदालत ने सात दोषियों को बरी कर दिया था उनके खिलाफ दंगों में शामिल होने के सीधे सबूत नहीं मिले सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट और निचली अदालत के फैसले को पलटा