मंकीपाक्स वायरस आपकी त्वचा से, आंख, नाक या मुंह से शरीर में घुस सकता है. मंकीपॉक्स वायरस बड़ा खतरा बना हुआ है. पहली बार मंकीपॉक्स 1958 में एक शोध के लिए गए बंदरों में देखा गया था.