वट सावित्री व्रत में सत्वान और सावित्री की कथा सुनाई जाती है. पुराणों में भी ज्येष्ठ मास की अमावस्या को विशेष माना गया है. वट सावित्री में शिव, मां पार्वती, विष्णु जी और वट वृक्ष की पूजा होती है.