महीने में दो बार संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं