सूर्य और चंद्र ग्रहण में अधिकांश मंदिरों में सूतक काल के कारण कपाट बंद कर दर्शन बंद कर दिए जाते हैं उज्जैन के महाकाल मंदिर में ग्रहण के समय भी कपाट बंद नहीं होते और पूजा अर्चना में केवल समय परिवर्तन होता है लक्ष्मीनाथ मंदिर में चंद्र ग्रहण के दौरान भी कपाट बंद नहीं होते और सूतक काल को मान्यता नहीं दी जाती है