देश की राजनीति दो परिवारों के बीच केंद्रित रही, जिनमें शेख हसीना और खालिदा जिया के परिवार प्रमुख हैं शेख हसीना के सख्त शासनकाल में विकास तो हुआ लेकिन विपक्ष दबाया गया और लोकतांत्रिक रास्ता सीमित हुआ चुनाव की घोषणा के बाद हिंसा भड़क गई, विशेषकर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जाने लगा है